Husband and wife not eat food in a plate : : हमने कितनी बार सुना है कि एक थाली में खाने से प्यार बढ़ता है। लेकिन वास्तु शास्त्र से सामने आई जानकारी के अनुसार ऐसा करना पति-पत्नी के रिश्ते के लिए खतरनाक माना जाता है। इसकी जानकारी भीष्म पितामह ने धार्मिक ग्रंथों में भी दी है। इन नियमों का उल्लेख महाभारत में भी मिलता है। आइए जानते हैं क्यों पति-पत्नी को एक ही थाली में खाना नहीं खाना चाहिए।
आदर्श जीवन शैली पर टिप्पणी करते हुए भीष्म पितामह ने कहा कि एक आम आदमी अपने जीवन में कई रिश्ते बनाता है और प्रत्येक रिश्ते के लिए उसकी एक अलग जिम्मेदारी होती है। जब आप इन जिम्मेदारियों को ठीक से और खुशी से पूरा करेंगे तभी आपको हर रिश्ते में खुशी मिलेगी। अगर पति-पत्नी एक ही थाली से खाना खाते हैं, तो संभावना है कि वे एक-दूसरे की तुलना करेंगे। यदि वे गलती से इस पर सहमत हो जाते हैं, तो घर के अन्य सदस्यों के प्रति गुस्सा बढ़ सकता है, अन्यथा उनके आपस में लड़ने की अधिक संभावना है।
भीष्म पितामह ने पति-पत्नी के संबंधों पर भी टिप्पणी की है। जब स्त्री प्रेम करती है, तो उसमें जीवन उंडेल देता है, लेकिन यह अत्यधिक प्रेम बुद्धि को भ्रष्ट कर सकता है। एक ही थाली से भोजन करना अक्सर निर्भरता की ओर ले जाता है और एक की समझ और दूसरे की मनमानी के बराबर होता है। यदि पक्ष लेने वाला व्यक्ति इसमें पड़ जाता है तो और भी विवाद हो सकते हैं। इसी वजह से सलाह दी जाती है कि पति-पत्नी को एक ही थाली में खाना नहीं खाना चाहिए। कई शास्त्रों में यह भी उल्लेख है कि प्रत्येक परिवार को दिन में कम से कम एक भोजन के लिए एक साथ बैठना चाहिए क्योंकि इससे सद्भाव बढ़ाने में मदद मिलती है।
रामायण, महाभारत में दिए गए कुछ संदर्भों के अनुसार किस भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए, इसका भी उल्लेख है। ऐसा कहा जाता है कि सिर्फ बासी खाना ही नहीं बल्कि यह भी कि कभी भी ऐसा खाना नहीं खाना चाहिए जो सीमा पार कर गया हो। भोजन में बाल या पथरी हो तो आर्थिक हानि होने की संभावना रहती है।
Husband and wife not eat food in a plate :
(नोट- उपरोक्त लेख प्राप्त मान्यताओं और जानकारी पर आधारित है, अंधविश्वास फैलाने के लिए नहीं)